Om Parkash Kadyan: Man of many distinctions

Om Parkash Kadyan: Man of many distinctions
पढ़ाई के जुनून से 55 साल बाद फिर क्लास में .......उम्र पार्क में टहलने, गपशप करने और पोते-पोतियों को कहानियां सुनाने की, लेकिन पढऩे के जुनून ने अस्सी की उम्र में फिर से क्लास रूम में पहुंचा दिया है। 55 साल बीत गए पढ़ाई छोड़े। आज भी परीक्षा परिणाम में पास या फेल होने का डर वही पहली कक्षा के बच्चे जैसा है। जी हां, योगा में कुछ अलग कर दिखाने की धुन ने देव कॉलोनी निवासी ओम प्रकाश कादयान को 55 बरस बाद एक बार फिर से स्नातकोत्तर डिप्लोमा का होनहार छात्र बना दिया है। उन्होंने हाल ही में एमडीयू से प्रथम सेमेस्टर पास किया है। उनका मानना है कि ज्ञान जीवन पर्यन्त चलने का नाम है और जिंदादिली, शारीरिक व मानसिक तौर से तंदरुस्त जिंदगी जीने का बेहतरीन टॉनिक योग व प्राणायाम है। इसके अलावा, हंसने-हंसाने को तनावमुक्त जीवन के लिए अच्छी थैरेपी बताई। वर्ष 1957 में जाट कॉलेज से बीएड की डिग्री लेने के बाद कादयान ने पंचायत अधिकारी व जिला स्वास्थ्य विभाग में जन सूचना अधिकारी के पद पर 1991 तक सेवाएं दी। उन्होंने योग प्राकृतिक शिक्षा के प्रचार प्रसार की शुरूआत अपने घर से की। जहां उनके चार बेटे व एक बेटी ने प्रेरित होकर योगा को अपनी जीवन का अहम हिस्सा बना लिया। जहां उनका बड़ा बेटा रमेश मानेसर में नट बोल्ट की फैक्ट्री संभालता है, वहीं बेटी सरोज बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी, नरेश जिला खादी ग्राम उद्योग अधिकारी, मुकेश समाज सेवा और सुरेश फार्मासिस्ट है। झज्जर में दूबलधन माजरा के निकट गांव शिवानी में 15 नवंबर 1933 को जन्मे कादयान की योग से दोस्ती साल 1974 में हुई। हमेशा मुस्कुराते रहने वाले ओम प्रकाश ने बताया कि एक समय उन्हें भाग्य ने बड़ा झटका दिया, तब योग ने न केवल उनकी जिंदगी को बचाया, बल्कि उन्हें जिंदादिली से जीने के गुर भी सिखाए। पीजी डिप्लोमा के छात्र कादयान न केवल आकाशवाणी, बल्कि टीवी चैनलों पर भी पहला सुख निरोगी काया का गुरुमंत्र देकर श्रोताओं व दर्शकों के दिलों पर राज कर रहे हैं। कादयान की दिनचर्या बहुत निर्धारित है। सुबह चार बजे उठने के बाद व योगा से पहले दो गिलास पानी पीते हैं। फिर, नित्य क्रिया से निवृत्त होकर योगा, ध्यान, प्राणायाम व आसन करते हैं। बाद में, नारियल या तिल के तेल से शरीर की मसाज करते हैं। आधे घंटे के आराम के बाद लहसुन व अदरक के दूध के साथ उबली सब्जियों का नाश्ता लेते हैं। फिर 11 बजे हल्का खाना, दोपहर को फलों का जूस और रात 8 बजे हल्का खाना लेने के बाद रात 9 बजे निद्रा लेते हैं।

Friday, January 25, 2008

http://www.jatland.com/home/Dr._Om_Parkash_Kadyan
Dr. Om Parkash Kadyan nominated as a non-official mrmber of the District Public Relation & Grievances Committee, ROHTAK by the Govt. of Haryana on the recommendation of the Speaker Dr.R.S. KADIAN. He is from village Siwana, tehsil Beri , now District Jhajjar in Haryana. He retired as Block Development & Panchyat officer in 1991, Dr. Kadyan during his service contribute a lot to the society & he has make a documentary in 16 regional languages based on family planning in 1972 then contribute for another documentary "Har Ka Desh Haryana" in 1972 - further he had a close association with "Parbhaker Films" maker of CHANDRAWAL - LADO BASENTI - JATNI. His son Naresh Kadyan actively participated in production side. Now Dr. Kadyan is publishing a news paper & managing Yoga & Nature cure centre.